शरणार्थी दिवस पर एक नज़र
सबसे पहिले Friend's हम शरणर्थी को समझ लेते है, दुनियों में मेरे जैसे भाई जिन को यह नही पता होगा की शरणार्थी किसको कहते हैं, भाई आपकी जानकारी के लिए बता दूं की यह उस आदमी पर लागू होता है, जो अपने गांव,देश, शहर छोड कर कही दूर पराये देश चला जाता है।
मित्रों, आज से हम अगर हजारें साल यां 20 - 30 साल पीछे की और देखते है, तो इस दिन का नामों निशान नही था,और नां ही यह दिन इस दिन के रूप मे मनाया जाता था,पहिले की तरहां लोग आज वी अपने देश, घर को छोड कर दूसरे देश की और जाते है, दूसरे देश जाने का कारण होता है की हिंसा भूखमरी जैसी बीमारी ने उनके देश को अपनी लपेट में ले लिया है।
इन लोगों के लिए जब किसी सरकार ने इन की मदद के लिए अपना हाथ आगे नही किया, तो इन की मदद करने का साहस किया दुनिया के महान शक्तिीशाली देश U.S.A ने और वहां की सरकार विचारे इन लोगों की मदद के लिए आगे आई।
4 दिस्बर 2000 को अमरीका ने इस दिन की स्थपना की थी और 20 जून 2001 को यह दिन पहिली बार दुनिया में मनाया गया जिसको हम और आप आज World Refugee Day के नाम से भूलाते है।
लीबीया,सीरिया,मलेशियां यह वो देश है यहां से लोग हजारें की संख्यां में अपने घरबार छोड कर सदा के लिए पराये देशों की और जाते है।
World refugee day quotes
आॅखों में पानी दिल में दर्द
में कैसे ब्यान करूं अपन दुख का दर्द ।
ऐ खुदा कैसे छोड दू मैं अपने जिगर के टूकडे जैसे घर को
जो मैंने खुन पसीने की कमाई से बनया था।
याद आइिऐगी मुझे बार — बार अपनें घर के पास वाली
उन गलीयों की यहां पर मैं लूका — छूपी का खेल खोला करता था।
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